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टीडीएस क्या होता है? What is TDS? टीडीएस क्या है? टीडीएस कैसे निकालें? टीडीएस रिफंड पाने के लिए क्लेम कैसे करें?

 टीडीएस की कटौती और रिफंड पाने के बारे में जानकारी प्राप्त करने से पहले हमें यह जानना बेहद आवश्यक है। कि TDS वास्तव में होता क्या है? बात करें – टीडीएस की तो टीडीएस का फुल फॉर्म Tax Deducted at Source होता है। जिसको हम हिंदी में स्रोत पर टैक्स कटौती कह सकते हैं। टीडीएस आपके कमाई के स्रोत जैसे – सैलरी, ब्याज, लाटरी आदि पर काटा जाता है। इसके साथ ही कांट्रेक्टर . कमीशन और ब्रोकरेज से प्राप्त हुए पेमेंट पर भी एवं प्रोफेशनल तकनीकी सेवा, इंश्योरेंस, किराए के भुगतान पर भी टीडीएस काटा जाता है।

TDS कटने के पश्चात भी यदि किसी प्रकार का टैक्स बकाया रह जाता है। तो उसे भी भुगतान करना चाहिए। और यदि एक वित्तीय वर्ष में आप की कुल कर योग्य आय से ज्यादा TDS काटा गया है। तो आप इनकम फाइल रिटर्न करके टीडीएस को वापस भी प्राप्त कर सकते हैं।

यदि आप किसी अच्छी कंपनी में काम करते होंगे। तो आप की सैलरी से TDS जरूर कटता होगा। आयकर अधिनियम 1961 के अंतर्गत TDS भारतीय नागरिकों के द्वारा अप्रत्यक्ष कर जमा करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। टीडीएस का कलेक्शन सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) द्वारा किया जाता है। जो भारतीय राजस्व सेवा के अंतर्गत आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं। कि आप टीडीएस की कटौती को कम भी कर सकते हैं। इसके साथ ही यदि आप आयकर के दायरे में नहीं आते हैं। या आपका आयकर से ज्यादा TDS काटा गया है, तो आप TDS वापस भी पा सकते हैं

टीडीएस कटौती के लाभ

  • टीडीएस कटौती से सरकार और नागरिक दोनों को फायदे होते हैं। एक तरफ जहां टैक्स चोरी में गुंजाइश ना के बराबर बचती है। जिससे सरकार को फायदा होता है। वहीं दूसरी तरफ करदाता को भी टैक्स भरने में आसानी रहती है। क्योंकि धीरे-धीरे उसके अकाउंट से टीडीएस कटता रहता है। जिससे उस पर अचानक बोझ नहीं पड़ता है।
  • TDSकाटने की जिम्मेदारी सरकार ने कंपनियों को दे दी है। जिससे आयकर विभाग को टैक्स इकट्ठा करने में आसानी होती है।
  • टीडीएस कटौती से अब टैक्स चोरी की गुंजाइश ना के बराबर रह गई है। क्योंकि टीडीएस व्यक्ति के अकाउंट से पहले ही काट लिया जाता है। जिससे व्यक्ति को आयकर रिटर्न फाइल करना ही पड़ता है।
  • TDS कटौती से काफी संख्या में कमाई करने वाले टैक्स के दायरे में आ जाते हैं। जिससे सरकार की आमदनी में वृद्धि होती है।
  • टीडीएस कटौती से करदाता को आसानी रहती है। जिससे उसे एडवांस टैक्स भरने का झंझट नहीं करना पड़ता है।

TDS कटौती के नियम

  • पेमेंट देने की अंतिम तिथि या वास्तविक पेमेंट, जो भी पहले हो उस समय तक TDS काट लेना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है। तो 1% प्रति माह की दर से ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।
  • TDS काटने  के पश्चात कलेक्ट की गई धन राशि को अगले महीने की 7 तारीख तक सरकार के पास जमा करना अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है। तो हर महीने 1.5% की दर से अलग ब्याज देना पड़ सकता है।
  • हर महीने टीडीएस काटा जाता है। जिसका रिटर्न हर तिमाही के अगले महीने की अंतिम तारीख तक दाखिल किया जाना चाहिए। अर्थात एक 31 जुलाई, 31 अक्टूबर, 31 जनवरी और 31 मई तक जमा करना चाहिए
  • आपके अकाउंट से कितना TDS काटा गया है? कैसे पता करें

  • यदि आप जानना चाहते हैं कि आपके अकाउंट से कितना TDS काटा गया है। तो इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नीचे बताए जा रहे आसान से स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं। और पता कर सकते हैं
  • सबसे पहले आपको इनकम टैक्स विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट www.incometaxindiaefiling.gov.in  पर जाना होगा। आप चाहें तो यहां क्लिक करके डायरेक्ट भी जा सकते हैं।

TDS क्या होता है? टीडीएस रिफंड पाने के लिए क्लेम कैसे करें? पूरी जानकारी
  • वेबसाइट पर पहुंचने के पश्चात आपको अपने अकाउंट में लॉग इन करना होगा। यदि आपका अकाउंट नहीं है। तो यहां पर आप रजिस्टर योर सेल्फ बटन पर क्लिक करके रजिस्टर कर सकते हैं। और फिर अपने अकाउंट में लॉगिन कर सकते हैं।
  • अकाउंट में लॉग इन करने के पश्चात आपको माय अकाउंट ड्रॉप डाउन मेनू में View Tax Credit (Form 26AS) पर क्लिक करना होगा।
TDS क्या होता है? टीडीएस रिफंड पाने के लिए क्लेम कैसे करें? पूरी जानकारी
  • जैसे ही आप क्लिक करेंगे। आपसे कुछ चेतावनी दिखाई जाएगी। जिसे आपको कंफर्म बटन पर क्लिक करना होगा।
  • आप कंफर्म बटन पर क्लिक करेंगे। आपके सामने एक नया पेज ओपन होगा। यहां पर आपको Click View Tax Credit (Form 26AS) to view your Form 26AS. क्लिक करना होगा।
TDS क्या होता है? टीडीएस रिफंड पाने के लिए क्लेम कैसे करें? पूरी जानकारी

टीडीएस कैसे निकालें

  • जैसे ही आप यहां क्लिक करेंगे। आपको फाइनेंसियल ईयर को सेलेक्ट करना होगा। और उसके पश्चात आपको टेक्स्ट या HTML जिस फॉर्मेट में जानकारी चाहिए। उसको सेलेक्ट करना होगा। आप चाहे तो पीडीऍफ़ में भी फाइल डाउनलोड कर सकते हैं। पीडीऍफ़ फाइल ज्यादा सही रहता है।
  • फाइनेंसियल ईयर सेट करने के पश्चात एक्सपोर्ट पीडीऍफ़ पर क्लिक करें।
  • जैसे आप उस पर क्लिक करेंगे। एक PDF फाइल डाउनलोड हो जाएगी।
  • फाइल डाउनलोड होने के पश्चात आपको इसे ओपन करना होगा। ओपन करने के लिए आपसे एक पासवर्ड मांगा जाएगा। आपका पासवर्ड यहां पर आपकी जन्म तिथि है। जिसे आप को 01/01/1992 है तो आपको फॉर्मेट में लिखना है।
  • जैसे आप और पासवर्ड डालेंगे। आप की PDF फाइल ओपन हो जाएगी। और यहां पर आपको अपने अकाउंट से रिलेटेड पूरी जानकारी मिल जाएगी।
  • यहां पर आपको वित्तीय वर्ष में काटे गए सभी TDS की पूरी जानकारी मिल जाएगी। जो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में काफी सहायता करेगी।

टीडीएस रिफंड के लिए दावा कैसे करें

यदि आप आयकर से ज्यादा TDS काटा गया है। तो आप इसे वापस पाने के लिए क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए आप जब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करेंगे। तो वहां पर आपको एक TDS का भी कॉलम दिया जाता है। जहां पर आप अपने TDS के बारे में सभी जानकारी दे सकते हैं। और अपने अतिरिक्त काटे गए टीडीएस को रिफंड प्राप्त कर सकते हैं। आपके अकाउंट से 10% TDS काटा जाता है। और जब आपको रिफंड प्रदान किया जाएगा। तो आपको 6% का ब्याज भी मिलेगा।




टीडीएस रिफंड पाने के नियम

अब आपने अपने टीडीएस के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर ली है। और यदि आपका TDS आपके आयकर से ज्यादा कटौती की गई है। तो आप TDS द्वारा कटौती की गई धनराशि को वापस पाने के लिए क्लेम कर सकते हैं। इसे आप इस तरह समझ सकते हैं। मान लीजिए आप की कुल कर योग्य आय ₹50000 है। और आपका एक वित्तीय वर्ष में ₹70000 टीडीएस काटा गया है। तो आप आईटीआर भरने में अतिरिक्त काटे गए 20000 टीडीएस को वापस पाने के लिए क्लेम कर सकते हैं। क्लेम करने के कुछ समय पश्चात आपके अकाउंट में धनराशि वापस कर दी जाएगी।

इसके साथ ही यदि आपका कम TDS काटा गया है। तो आप इनकम टैक्स आईटीआर भरते समय टीडीएस में जमा की गई धनराशि को कम करके अपना आईटीआर भर सकते हैं। इसे आप इस तरह से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप की कर योग्य आ



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