पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना ऑनलाइन आवेदन – दस्तावेज, लाभ, आवेदन फॉर्म पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना क्या है? What is Pashu Kisan Credit Card Yojana?
इस पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का आगाज हरियाणा के कृषि और पशुपालन मंत्री जेपी दयाल ने किया। इस योजना के तहत गाय और भैंस रखने वाले किसानों को लाभ होगा। गाय रखने वाले किसानों को राज्य सरकार एक गाय पर 40,783 रूपये का लोन प्रदान करेगी। जबकि भैंस रखने वाले किसानों को 60,249 रूपये का लोन मिल सकेगा।
बकरी, भेड़, सुअर पालने वाले किसानों को भी योजना के दायरे में रखा गया है। भेड़-बकरी रखने वाले किसानों को एक साल का 4063 रूपये का लोन दिया जा सकेगा, जबकि सुअर रखने वाले किसान 16,337 रूपये के लोन के हकदार होंगे। दोस्तों, यहां यह बात स्पष्ट कर दें कि ब्याज की राशि का भुगतान एक साल के अंतराल में होना आवश्यक है, अगली राशि इसके बाद ही प्रदान की जाएगी। इससे पहले राशि चाहेंगे तो वह नहीं मिलेगी। इससे किसानों और पशुपालकों को पहले ही अवगत करा दिया जाता है।
पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता –
प्रत्येक सरकारी योजना की भांति हरियाणा सरकार की इस पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ उठाने के लिए भी आवेदकों को कुछ पात्रता रखनी आवश्यक है। साथ ही कुछ दस्तावेज भी आवश्यक हैं, जो किस इस प्रकार से है-
- आवेदक हरियाणा राज्य का स्थायी निवासी हो
- पशुओं का हेल्थ सर्टिफिकेट आवश्यक है
- पशु का बीमा होना चाहिए
- लोन लेने के लिहाज से सिबिल ठीक हो
- आवेदक का आधार कार्ड
- आवेदक का पैन कार्ड
- और आवेदक की वोटर आईडी
- आवेदक का मोबाइल नंबर
- आवेदक की पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना के क्या क्या लाभ हैं? Benefits Of Pashu Kisan Credit Card Yojana –
अब हम आपको पशु क्रेडिट कार्ड योजना के लाभ के बारे में जानकारी देंगे, जो किस इस प्रकार हैं-
इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे लोन की राशि पर किसानों को कम से कम ब्याज देना होगा। इसमें लोन की दर 7 प्रतिशत रखी गई है। इस सात प्रतिशत में तीन प्रतिशत की सब्सिडी केंद्र सरकार देती है, जबकि 4 फीसदी की छूट राज्य सरकार की ओर से दी जाती है। समय से ब्याज का भुगतान करने पर ब्याज तीन प्रतिशत रह जाएगा।
अधिकतम तीन लाख का लोन लिया जा सकता है। लेकिन इससे ज्यादा लोन पर साल का ब्याज 12 प्रतिशत हो जाएगा।
किसानों के लिए एक लाख 60 हजार का लोन बगैर गारंटी के उपलब्ध है।
किसान अपने पशु क्रेडिट कार्ड को डेबिट कार्ड की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लाभार्थी कौन-कौन होंगे? Who are the beneficiaries of Pashu Kisan Credit Card Yojana?
राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ हरियाणा राज्य के सभी पशुपालकों को मिलेगा। शर्त बस यही है कि उनके पास अपनी गाय या भैंस या भेड़, बकरी, सुअर आदि होनी चाहिए। आपको बता दें कि हरियाणा में 16 लाख परिवारों के पास 36 लाख दुधारू पशु हैं। सरकार पशु किसान क्रेडिट योजना के माध्यम से इन किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश में जुटी है। दोस्तों, जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि पशु क्रेडिट कार्ड की सहायता से पशुओं की देख रेख के लिए लोन लिया जा सकता है।
एक गाय पर दिया जाने वाला 40,783 रूपए का लोन क्रेडिट कार्ड के जरिये 6797 की छह बराबर किश्तों में किसान को दिया जाएगा। एक साल के अंतराल में ब्याज के साथ किसान को यह राशि लौटानी होगी। आपको यह भी बता दें कि दोस्तों, कि एक साल की गणना तब से की जाएगी, जबकि किसान को पहली किश्त प्राप्त हो जाएगी। यह बात पशु किसान क्रेडिट कार्ड लेते हुए किसानों और पशुपालकों को ठीक से बता दी जाती है, ताकि भुगतान को लेकर किसी तरह का कोई कन्फ्यूजन उनके दिमाग में न रहे और वह एकदम सही समय पर राशि भुगतान का कार्य शुरू कर सकें।
पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना के लिए आवेदन कैसे करें? How to apply for Pashu Kisan Credit Card Yojana?
पशु क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन की प्रक्रिया सरल है। अब हम आपको बताएंगे आप इस योजना के लिए आवेदन किस प्रकार कर सकते हैं-
आवेदकों को अपने नजदीकी बैंक में जाकर आवेदन करना होगा।
उन्हें अपने साथ अपने सभी दस्तावेज लेकर जाने होंगे, साथ ही आवेदन पत्र भरना होगा।
ध्यान रखें कि आवेदन पत्र भरते समय सही जानकारियां सही सही दें।
आवेदन पत्र भरने के बाद इसके साथ अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी की फोटो काॅपी संलग्न करें।
इस आवेदन पत्र को बैंक में संबंधित अधिकारी के पास जमा करा दें।
आवेदन पत्र सत्यापित करने के बाद एक महीने के भीतर आपको पशु क्रेडिट कार्ड मिल जाएगा।
किसानों की आय बढ़ाने पर हरियाणा सरकार का विशेष फोकस
हरियाणा सरकार का भी किसानों की आय में बढ़ोतरी का प्रयास है। इसी को नजर में रखते हुए यह योजना लाई गई है। हालांकि जिस तरह केंद्र सरकार ने 3 नए कृषि से जुड़े कानून बनाए हैं, उनका पंजाब के साथ ही हरियाणा में भी जबरदस्त तरीके से विरोध चल रहा है। किसानों का कहना है कि इससे उनकी आय दुगनी नहीं होगी बल्कि उनकी खेती बिखर जाएगी। हरियाणा में प्रति व्यक्ति 1087 ग्राम दूध की खपत है। गांवों में लगभग हर घर में गाय, भैंस जैसे दुधारू पशु पाले जाते हैं।
दूध की अच्छे खपत इसलिए भी है कि हरियाणा में खेलों पर विशेष जोर है। यहां के गांवों में हर दूसरे परिवार में खिलाड़ी मिलेंगे। यहां खिलाड़ियों को अच्छी सरकारी नौकरी भी मिलती है, लिहाजा लोग अपने बच्चों को दूध, दही आदि खिलाने पिलाने में कसर नहीं रखते। वह अपने पशुओं को अच्छा चारा भी खिलाते हैं ताकि दुग्ध उत्पादन में गुणवत्ता बनी रहे।
हरियाणा से आसपास के राज्यों के अन्य जिलों में भी दूध और इससे बने उत्पादों की सप्लाई होती है। यानी कि उनकी आर्थिकी का भी कुछ हिस्सा पशुओं पर सीधे सीधे आधारित है। ऐसे में पशुओं की बेहतर देखभाल किए जाना बेहद आवश्यक है। किसान क्रेडिट योजना यहां के दुधारू पशु रखने वाले किसानों को लाभ पहुंचाएगी, इसमें निश्चित रूप से कोई भी दो राय नहीं है।
अब तक पांच लाख से भी अधिक आवेदन –
हरियाणा राज्य में इस पशु क्रेडिट कार्ड योजना के तहत करीब पांच लाख से अधिक आवेदक आवेदन कर चुके हैं। विभिन्न बैंक इनके सत्यापन की प्रक्रिया में लगे हुए हैं। हरियाणा सरकार की ओर से स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त तक 26 हजार पशु किसान क्रेडिट कार्ड मंजूर हो चुके थे। सरकार की मंशा हरियाणा प्रदेश में आठ लाख से अधिक कार्ड बनवाने की है। किसानों की आय बढ़ाने और दुधारू पशुओं की देखभाल और उनके हाल सुधारने के लिए सरकार प्रयासरत है, उसी के तहत सरकार इस योजना पर खास ध्यान दे रही है। इस पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना के आवेदकों की संख्या भी दिनों-दिन बढ़ रही है। उम्मीद है कि सरकार जल्द ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी।
राज्य में मुफ्त पशु शेड भी बनाए जा रहे –
पशुपालन यानी Animal husbandry के माध्यम से तो हरियाणा राज्य की सरकार किसानों की आय दोगुनी करने में जुटी ही हुई है, कुछ महीने पहले हरियाणा सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले यानी BPL किसान/पशुपालकों को मुफ्त में पशु शेड बनाकर देने का भी फैसला लिया। उप मुख्यमंत्री ने यह काम ग्रामीण विकास विभाग के जरिए मनरेगा योजना के तहत करवाए जाने का दावा किया। इसके पीछे सरकार की मंशा यह है कि कृषि जोत छोटी होने कारण लोग पशुपालन का व्यवसाय भी खेती के साथ-साथ करें, ताकि उनकी आय बढ़ सके।
इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अनुसूचित जाति, विधवा, महिला-प्रमुख घर, बीपीएल तथा छोटी जोत वाले किसानों को वरीयता के मुताबिक उनके पशुओं के लिए मुफ्त पशु शेड बनाकर देने का फैसला किया। हरियाणा राज्य में ब्राजील की तर्ज पर दूध उत्पादन क्षमता बढ़ाए जाने की तैयारी है। क्योंकि इसके पीछे मानना था कि जब ब्राजील में भारतीय देशी नस्लों में सुधार के बाद दूध उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। तो फिर भारत में भी इस दिशा में सुधार किया जाना संभव है।दस लाख पशुओं के बीमा का लक्ष्य –
हरियाणा राज्य में पशु बीमा के जरिए अगले सत्र में करीब दस लाख पशुओं को बीमित करने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ऐसा पशुपालकों को मिलने वाले लाभ को देखते हुए किया जा रहा है। इसका फायदा यह होगा कि पशुओं की मृत्यु होने की स्थिति में पशुपालक और किसान उस बीमा राशि के जरिए अपने लिए पशु खरीद सकेंगे। इससे उनके ऊपर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।
वरना होता यह है कि कई बार बीमारी या अन्य किसी कारण से पशुओं के मरने की स्थिति में किसान को बहुत नुकसान झेलना पड़ता था। और नए पशु लेने के लिए उसके पास पैसे नहीं होने की हालत में वह कर्ज के बोझ तले दब जाता था। या फिर दूसरे किसानों से दूध, दही आदि मोल लेने के लिए विवश होता था। बीमा होने से उसकी मुश्किल दूर होगी। साथ ही वह बगैर अधिक आर्थिक क्षति की आशंका के पशुपालन कर सकेगा।
लाभार्थी | हरियाणा प्रदेश के पशुपालक |
आवेदन | ऑफलाइन, बैंक के माध्यम से |
Comments
Post a Comment