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स्वदेश स्किल कार्ड योजना क्या है?
स्वदेश स्किल कार्ड योजना के तहत स्वदेश लौटने वाले विदेशी प्रवासियों को एक स्किल कार्ड भरकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इस कार्ड पर भरे गए स्किल के आधार पर उन्हें संबंधित क्षेत्र में रोजगार दिलाने की कोशिश की जाएगी। दूसरे शब्दों में कहें तो योजना के तहत कोरोना की वजह से अन्य देशों से काम छोड़कर लौटने वाले प्रवासियों की मदद की जाएगी। वह इस योजना के अंतर्गत रोजगार के मौके हासिल करने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। स्वदेश स्किल कार्ड के लिए online रजिस्ट्रेशन करने के बाद व्यक्ति की सारी जानकारी को भारतीय और विदेशी कंपनियों के साथ साझा कर दिया जाएगा, ताकि यह कंपनियां उस व्यक्ति के स्किल के आधार पर उसे नौकरी देने के लिए सीधे संपर्क कर सकें। आपको बता दें कि वंदे भारत मिशन के तहत 57 हजार से भी अधिक लोगों की स्वदेश वापसी हो चुकी है।
कोरोना की वजह से देश में ही लोगों का रोजगार नहीं छिना, बल्कि जो लोग विदेशों में नौकरी, काम-धंधे से जुड़े थे, वह भी बड़े पैमाने पर स्वदेश लौटे हैं। केंद्र सरकार ने एक से दूसरे राज्यों से पहुंचे प्रवासियों की ही तरह विदेश से आए इन प्रवासियों की मदद के लिए, उन्हें रोजगार प्रदान करने के लिए स्वदेश स्किल कार्ड योजना शुरू की है
स्वदेश स्किल कार्ड के लिए registration को आवश्यक योग्यता/पात्रता
साथियों, स्वदेश स्किल कार्ड के लिए हर कोई registration नहीं करा सकता। इसके लिए भी केंद्र सरकार ने कुछ पात्रता निर्धारित की है, जो कि इस प्रकार से हैं-
इस कार्ड का लाभ केवल कोरोना की वजह से विदेश से स्वदेश आए भारतीय नागरिक ही ले सकते हैं।
विदेश से आए भारतीय नागरिकों को online आवेदन करना होगा। आपको बता दें कि सरकार ने विदेश से आए भारतीय नागरिकों का डाटा तैयार करने के लिए online फाॅर्म बनाया है।
आवेदक को इस कार्ड में नौकरी का क्षेत्र, नौकरी का शीर्षक, रोजगार, अनुभव आदि से संबंधित विवरण भरना होगा।
इस कार्ड की डिटेल्स को विभिन्न भारतीय और विदेशी कंपनियों के साथ साझा किया जाएगा, ताकि कंपनियां इस जानकारी के आधार पर आवेदक से संपर्क कर सकें और आवेदक को उसके स्किल और कार्यानुभव के आधार पर नौकरी या रोजगार मिल सके।
स्वदेश स्किल कार्ड योजना ऑनलाइन डिटेल्स –
योजना का नाम | स्वदेश स्किल कार्ड |
इनके द्वारा शुरू की गयी | केंद्र सरकार |
लाभार्थी | विदेश आये भारतीय नागरिक |
उद्देश्य | रोजगार के अवसर प्रदान करना |
ऑफिसियल वेबसाइट | http://www.nsdcindia.org/swades/ |
स्वदेश स्किल कार्ड 2021 ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करे? Swadesh Skill Card Online Registration Process –
दोस्तों, अब हम आपको बताएंगे कि आप स्वदेश स्किल कार्ड के लिए registration किस तरह कर सकते हैं। यह एक बेहद आसान सी प्रक्रिया है। आप चाहें तो अपने मोबाइल फोन से भी इसे अंजाम दे सकते हैं। इसके लिए आपको कुछ निर्धारित steps follow करने होंगे, जो किस इस प्रकार से हैं-
- सबसे पहले योजना की official website http://nsdcindia.org/swades/ पर जाएं। आप यहाँ क्लीक करके डायरेक्ट भी जा सकतें हैं।
- इसके बाद आपके सामने वेबसाइट का होम पेज खुल जाएगा। यहां आपको स्वदेश स्किल फाॅर्म दिखाई देगा।
आपको इस फाॅर्म में पूछी गई सारी जानकारी को सही सही भरना होगा। मसलन आपका नाम, जिला, पासपोर्ट संख्या, संपर्क ब्योरा, ईमेल आईडी, शैक्षिक योग्यता, वर्तमान रोजगार की स्थिति, कार्य क्षेत्र, पदनाम, कुल कार्य अनुभव आदि।
सारी जानकारी भरने के बाद चेक कर लें कि जानकारी सही भरी हो।
इसके बाद submit के option पर click कर दें। आपका online registration संपन्न हो जाएगा।
ढेरों प्रवासियों ने लाॅकडाउन में दिखाई नई राह, गांवों की बदली तस्वीर
साथियों, ढेरों प्रवासी ऐसे थे, जो विदेश से जब अपने गांव-घर लौटे तो क्वारंटीन (quarantine) टाइम के दौरान उन्होंने चित्रकारी, बागवानी, निर्माण आदि से अपने गांवों की सूरत बदल दी। उत्तराखंड में ऐसे कई गांव हैं, जहां विदेश से लौटे प्रवासियों ने क्वारंटीन सेंटरों की तस्वीर बदल दी। उन्होंने रचनात्मक कदम उठाते हुए प्रधान समेत अन्य लोगों को साथ लेकर क्वारंटीन सेंटरों, स्कूलों को सजाया-संवारा, वहां क्यारियां बनाकर पेड़-पौधे लगाए, रंगाई-पुताई आदि की। उनके इस कदम की बहुत सराहना भी हुई।
कहना न होगा कि गांव वालों ने भी उनके इस कदम में बराबरी का साथ दिया। उन्होंने इन प्रवासियों के हर तरह की सुविधा से युक्त क्वारंटीन सेंटर बनाए। अपने पैसों से उनमें पंखों आदि की भी व्यवस्था की। सरकार की ओर से बनाए गए क्वारंटीन सेंटरों की दशा सुधारने में भी उनकी ओर से बहुत सहायता की गई।
लाखों लोगों ने वापसी के लिए इच्छा जताई थी
दोस्तों, आपको बता दें कि मार्च में कोरोना संक्रमण को देखते हुए भारत में लाॅकडाउन लगा दिया गया था। उस वक्त बाकी दुनिया की हालत भी कोई बहुत अच्छी नहीं थी। हर जगह कोरोना का असर साफ दिख रहा था। जो लोग कुछ साल पूर्व काम धंधे की तलाश में विदेश गए थे, उनके रोजगार चले गए। नौकरियों में छंटनी हो गई। उन लोगों के लिए परिवार का गुजारा मुश्किल हो गया। ऐसे में लाखों लोगों ने वापसी की इच्छा जताई। वंदे भारत मिशन के तहत हजारों लोगों की स्वदेश वापसी भी संभव हुई। हालांकि सभी लोग वापस नहीं आ सके।
जो प्रवासी विदेश से स्वदेश लौटे, उनके सामने सबसे बड़ी दिक्कत काम-धंधे की थी, ताकि वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। ऐसे में केंद्र सरकार ने उनकी दिक्कत को समझते हुए यह स्वदेश स्किल कार्ड योजना शुरू की, ताकि अपने वतन लौटने वाले प्रवासी अपने स्किल के आधार पर जाॅब हासिल कर सकें और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकें। आपको बता दें कि भारत से बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों के लोग विदेशों में रोजगार पाए हुए थे।
उत्तराखंड से दुबई जैसे देशों में शेफ, ड्राइवर, रेस्टोरेंट आदि चलाने वाले लोग बड़ी संख्या में हैं तो वहीं, पंजाब के बारे में मशहूर है कि वहां से हर दूसरे घर से एक आदमी कनाडा में है। वहां भी विदेश में जाकर रोजगार करने और बसने का क्रेज बड़ी संख्या में लोगों में है। उत्तर प्रदेश से भी बड़ी संख्या में लोग बाहरी देशों में जाकर काम कर रहे हैं।
कोरोना काल में कई प्रवासी युवाओं की बाॅडी तक लाने में समस्या हुई
कोरोना काल लोगों के लिए मुसीबत बनकर आया, यह बात सब जानते हैं। कोरोना काल में अंतरराष्ट्रीय नियमों के चलते ऐसे प्रवासी युवाओं की बाॅडी तक स्वदेश लाने में समस्या हुई, जिनकी जान वहां किसी न किसी वजह से चली गई। उत्तराखंड के एक युवा के परिजनों को दुबई से उसकी बाॅडी लाने के लिए पीएमओ तक से गुहार लगानी पड़ी, जिसके बाद उसकी बाॅडी गांव पहुंची और उसका अंतिम संस्कार किया गया।
तमाम हालात कोरोना प्रोटोकाॅल के चलते बदतर हुए। हालात देखकर ही प्रवासी युवाओं में दहशत हुई। इसके चलते वह स्वदेश आने को उद्यत हुए। ढेरों लोग ऐसे थे, जिन्होंने अपने परिवार के बीच पहुंचकर दोबारा प्रवासी बनने की इच्छा तो सिरे से ही त्याग दिया। कई को कोरोना खत्म होने पर लौटने का इंतजार है, ताकि वह अपने अधूरे छूटे कार्यों को पूरा कर अपनी जिंदगी को पटरी पर ला सकें
सरकार के भरोसे न रहकर नौकरी का मुंह न देख स्वरोजगार अपनाया
आपको पता ही होगा कि विदेश से स्वदेश लौटने वाले ढेरों प्रवासी ऐसे भी हैं, जिन्होंने नौकरी का इंतजार नहीं किया। सरकार का मुंह भी नहीं देखा। उन्होंने अपने गांवों के घरों को ठीक कराकर स्वरोजगार को अपनाया। किसी ने खेती शुरू कर दी तो किसी ने पशुपालन। यदि उत्तराखंड की ही बात करें तो यहां के कई गांव जिन्हें घोस्ट विलेज (ghost village) करार दिया जा चुका था, प्रवासियों से आबाद हो गए। बंजर जमीनों में इस वक्त फसल लहलहा रही है।
इससे प्रवासियों के परिजन भी खुश हैं और खुद विदेशों से लौटे प्रवासी भी अपनों के बीच पहुंचकर स्वयं को खुशनसीब महसूस कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर ऐसे हैं, जो कोरोना संक्रमण खत्म होने की स्थिति में भी फिर से नौकरी पर लौटने की इच्छा नहीं रखते। यह जो कर रहे हैं, उसमें खुश हैं। राज्य सरकारों ने भी ऐसे प्रवासियों की मदद के लिए योजनाएं चलाई हैं। उनके स्किल का registration कर उद्योग और अन्य विभागों के समन्वय से उन्हें स्वरोजगार योजनाओं के तहत लोन दिलाने और काम धंधा स्थापित करने में मदद की है।
ज्यादातर परिवारों को कोरोना नाम की बीमारीने एक सबक दे दिया है। अब वह नहीं चाहते कि उनके लख्ते जिगर चंद रूपयों के लिए विदेशों की खाक छानें या उनसे दूर जाएं। ऐसे में केंद्र की ओर से चलाई गई यह स्वदेश स्किल कार्ड योजना उनके लिए मददगार बन सकती है। वह देश में रहकर ही अपना मनमाफिक काम करने में कामयाब हो सकते हैं।
Registration में दिक्कत आ रही है तो हेल्पलाइन की मदद ले सकते हैं
साथियों, आपको बता दें कि यदि आपको स्वदेश स्किल कार्ड के लिए online Registration करने में या यह कार्ड भरने में किसी तरह की परेशानी आ रही है, तो उसके लिए केंद्र सरकार ने एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है, जिस पर संपर्क कर लाभार्थी आवेदन करने में आ रही परेशानी बताकर उसका समाधान प्राप्त कर सकता है। यह टोल फ्री नंबर है-18001239626
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