हर मकान मालिक का यह सपना होता है। कि एक दिन वह अपना मकान / दुकान या प्रॉपर्टी किराये पर उठाएगा। और मुनाफा कमायेगा। पर कई बार उसे कई प्रकार की तकलीफ झेलनी पड़ जाती है। यदि आपका किरायेदार बेईमान और धूर्त प्रवृत्ति का निकल गया तो यह बहुत समस्या पैदा कर सकता है। कई किरायेदार तो किराया भी नहीं देते हैं। और जबरन प्रॉपर्टी पर कब्जा करके बैठ जाते हैं। ऐसे में मकान मालिक का सुख चैन और रातों की नींद उड़ जाती है। वह लगातार परेशान रहने लग जाता है। और यह सोचता है। कि वह कैसे जल्द से जल्द अपनी प्रॉपर्टी किरायेदार से खाली करवा सकता है।
इस लेख में हम आपको कुछ जबरदस्त टिप्स देंगे। जिसे अपनाकर आप भी अपनी प्रॉपर्टी किरायेदार से तुरंत खाली करा सकते हैं। इस आर्टिकल में आपको दुकान खाली करने के तरीके, मकान खाली कराने के उपाय, दुकान खाली करने के नियम, किरायेदार के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले, पुराने किराए के कानूनी नियम, दुकान किराया समझौते नियम आदि की जानकारी मिलेगी।
किरायेदार से मकान / दुकान किस आधार पर खाली करवा सकते है?
बिना किसी कारण के किरायेदार से मकान / दुकान खाली नहीं कराया जा सकता है। इसके लिए आपको कारण बताना होगा। कारन कुछ इस प्रकार हो सकतें हैं –
- यदि किरायेदार ने किराया देना बंद कर दिया है।
- यदि किरायेदार ने आपकी प्रॉपर्टी में कुछ नया निर्माण (new construction) कर लिया है।
- एंव यदि किरायेदार ने आपको बिना बताए और भी दूसरे लोगों के साथ आपकी प्रॉपर्टी में रह रहा है।
- यदि किरायेदार आपकी प्रॉपर्टी पर गैरकानूनी काम कर रहा है।
- यदि किरायेदार ने आपकी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया है।
- और यदि आप अपनी प्रॉपर्टी का इस्तेमाल खुद के लिए करना चाहते हैं।
किराये पर घर या मकान देते समय निम्न सावधानी बरतनी चाहिए –
किसी भी व्यक्ति को अपना घर / या दुकान किराये पर देने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। यदि आप इन बैटन का ध्यान रखते हैं। तो आप कभी भी किसी परेशानी में नहीं पड़ेगें। यह बातें कुछ इस प्रकार हैं –
1. 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट जरूर बनवाएं –
11 महीने के रेंट एग्रीमेंट को कच्चा एग्रीमेंट समझा जाता है। यदि किरायेदार घर या दुकान खाली करने से मना कर देता है। तो कोर्ट में 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट दिखाकर यह बताया जाता है। कि मैंने छोटे समय के लिए यह प्रॉपर्टी किराये पर दी थी। सरकार को इसमें कोई टैक्स में लाभ नहीं मिलता है। 11 महीने का रेंट एग्रीमेंट कोर्ट में दिखाने पर किरायेदार को स्टे नहीं मिलता है। मकान मालिक केस जीत जाता है। हर साल आपको रेंट एग्रीमेंट को रिन्यू करवाना चाहिए।
2. किरायेदार का पुलिस सत्यापन जरुर करवाये –
जब भी आप अपनी प्रॉपर्टी किसी किरायेदार को दे तो उससे पहले पुलिस के पास व्यक्तिगत रूप से जाकर सत्यापन अवश्य करवाएं। सभी मकान मालिकों के लिए यह बेहद जरूरी होता है। इससे आपको जानकारी मिल जाएगी कि किरायेदार का कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है।
जब भी आप अपना मकान या दुकान किसी किरायेदार को दे तो उसके पिछले मालिक से उसका रिकॉर्ड जरूर चेक करें। वह समय पर किराया देता है। या नहीं। आपराधिक प्रवृत्ति का है। या नहीं ये सब जानकारी आपको होनी चाहिये।
4. किरायेदार का बिजली और पानी का कनेक्शन न काटे –
जब भी किरायेदार किराया देने से या घर खाली करने से मना कर दे और सम्पत्ति पर कब्जा कर ले तो उसका बिजली और पानी का कनेक्शन नहीं काटना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने पर वह व्यक्तिगत रूप से बिजली और पानी का कनेक्शन ले सकता है।
5. प्रॉपर्टी के कागज आपके नाम से होना चाहिए –
यह बहुत जरूरी है। कि जब भी आप किसी किरायेदार को अपनी दुकान या घर किराए पर दे तो वह प्रॉपर्टी के कागज आपके नाम से होना चाहिए। यदि प्रॉपर्टी आपके पिताजी, दादाजी या किसी और के नाम से है। तो ऐसी स्थिति में किरायेदार आपको परेशान कर सकता है। बेहतर यह होगा। कि आप प्रॉपर्टी के कागज अपने नाम से बनवा लें। उसके बाद किसी किरायेदार को दें।
किरायेदार से मकान / दुकान कैसे खाली करवाये? How to evict a tenant from your property in hindi
किरायेदार से आप अपने मकान या दुकान को कैसे खली करा सकतें हैं। इसके बारें में आप इसे जानकारी प्राप्त कर सकतें हैं –
1. प्रॉपर्टी खाली करने के लिए दबाव बनाएं –
आप किरायेदार पर दबाव बनाइये कि वह आपकी प्रॉपर्टी खाली कर दें। इसके लिए आप पुलिस की सहायता भी ले सकते हैं। साथ-साथ आसपास और पड़ोस के प्रभावशाली लोगों की सहायता भी ली जा सकती है। बेहतर होगा। कि किरायेदार को समझा-बुझाकर प्रॉपर्टी खाली करा ली जाए।
2. किरायेदार को नोटिस भेजे –
ऊपर बताए हुए आधारों में से यदि आपके पास भी कोई आधार है। तो सबसे पहले आप किरायेदार को घर या दुकान खाली करने का नोटिस भेजे।
3. सिविल कोर्ट में याचिका डालें –
यदि नोटिस देने के बाद भी किरायेदार आपका मकान या प्रॉपर्टी खाली नहीं करता है। तो आप सिविल कोर्ट में याचिका डालें। आजकल इस पर बहुत तेज सुनवाई होती है। आपको कोर्ट से आदेश मिल जाएगा। और किरायेदार आप की प्रॉपर्टी खाली कर देगा।
4. बलपूर्वक प्रॉपर्टी खाली कराये –
भारतीय संविधान की धारा 103 आईपीसी के अनुसार यदि किरायेदार आप की प्रॉपर्टी पर जबरन कब्जा कर लेता है। तो उसे बल का प्रयोग करके प्रॉपर्टी का खाली कराई जा सकती है। इस दौरान यदि झगड़ा या कोई विवाद हो जाता है। तो उसमें आप उतना ही बल प्रयोग कर सकते हैं। जितना सामने वाला कर रहा है। यदि सामने वाला आप पर लाठियों से हमला कर रहा है। तो आप भी लाठी डंडों का सहारा ले सकते हैं। यदि वह आप पर बंदूक निकाल कर फायरिंग करने का प्रयास करता है। तो भी आत्मरक्षा में आप गोली चला सकते हैं।
भारत में किरायेदारों के खिलाफ नवीनतम सुप्रीम कोर्ट के निर्णय –
Supreme court judgment – Poona Ram Vs Moti Ram (29 January 2019)
के फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है। कि यदि किराए पर दी गई प्रॉपर्टी आपके नाम पर रजिस्टर्ड है। और किरायेदार प्रॉपर्टी खाली करने से मना कर रहा है। और उस पर कब्जा जमा कर बैठा हुआ है, तो बल/ शक्ति का प्रयोग करके उसे हटाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने यहां पर शक्ति का स्पष्टीकरण नहीं किया है। उसका कहना है। कि प्रॉपर्टी खाली कराते समय आप उतनी ही शक्ति का इस्तेमाल करें जितना आवश्यक है। इसके लिए कोर्ट जाने की जरूरत नहीं है।
https://www.sci.gov.in/supremecourt/2006/31875/31875_2006_Judgement_29-Jan-2019.pdf
मकान मालिक के अधिकार Rights of Property Owners in India –
किसी भी व्यक्ति को अपना मकान या दुकान किराये पर देने के लिए प्रॉपर्टी मालिक के कुछ अधिकार होतें हैं। जो की इस प्रकार हैं –
- मकान मालिक को किरायेदार से नियमित रूप से किराया प्राप्त करने का अधिकार है।
- किरायेदार मकान को साफ सुथरा रखें, उसे नुकसान ना पहुंचाएं।
- किरायेदार मकान मालिक से बिना पूछे किसी तरह का नया निर्माण, मकान की मरम्मत, फेर-बदल नही कर सकता है।
- साथ ही किरायेदार मकान मालिक को बिना बताये किसी और व्यक्ति को घर में लाकर नहीं रख सकता है।
- किरायेदार मकान / दुकान या प्रॉपर्टी में किसी प्रकार का गैर कानूनी काम नहीं कर सकता है।
- किरायेदार प्रॉपर्टी को किसी दूसरे को बेच नहीं सकता है।
- मकान मालिक को यह अधिकार है। कि किरायेदार जब भी घर खाली करता है। उसे 1 महीने पहले नोटिस देना होगा।
- यदि किरायेदार 6 महीने तक किराया नहीं देता है। तो मकान मालिक इस आधार पर प्रॉपर्टी खाली करा सकता है।
किरायेदार के अधिकार Rights of Tenants in India –
मकान मालिक की तरह ही किरायेदार के भी कुछ अधिकार होतें हैं। जिनके लिए वह मकान मालिक से उपेक्षा कर सकता है। यह अधिकार इस प्रकार हैं –
- किरायेदार को हर महीने किराया देने पर रसीद प्राप्त करने का अधिकार है। यदि मकान मालिक समय से पहले किरायेदार को निकालता है। तो कोर्ट में रसीद को सबूत के तौर पर दिखाया जा सकता है। और यह बता सकते है। कि किरायेदार नियमित तौर से किराया दे रहा था।
- किरायेदार को किराए का भुगतान चेक से या ऑनलाइन बैंकिंग द्वारा सीधे बैंक अकाउंट में करना चाहिए। किसी विवाद होने पर किरायेदार यह सबूत के तौर पर दिखा सकता है। कि वह किराए का नियमित भुगतान कर रहा है।
Makan Khali Karne Ke Upay –
- किरायेदार को हर हालत में बिजली और पानी पाने का अधिकार है। कानून के मुताबिक बिजली और पानी किसी भी व्यक्ति के लिए मूलभूत आवश्यकता होती है।
- किरायेदार को इस बात का अधिकार है। कि जब भी मकानमालिक प्रॉपर्टी खाली कराता है। तो उससे इसका उचित कारण बताना होगा।
- यदि मकान मालिक रेंट एग्रीमेंट में तय की गई शर्तों के अलावा कोई और शर्त थोपता है। या अचानक से किराया बढ़ा देता है। तो किरायेदार कोर्ट में याचिका दे सकता है।
- किरायेदार को यह बात समझनी चाहिए कि वह कितने भी वर्षों तक उस प्रॉपर्टी (मकान / दुकान) में रह ले पर वह किरायेदार ही रहेगा। उसे खुद को मकान मालिक कभी नहीं समझना चाहिए।
- किरायेदार की अनुपस्थिति में मकान मालिक घर का ताला नही तोड़ सकता है। न ही किरायेदार के सामान को बाहर फेंक सकता है। यदि मकान मालिक ऐसा करता है। तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते है। इस स्थिति में किरायेदार को 30 दिन के अंदर कोर्ट में याचिका देनी होगी। उसे फिर से मकान या प्रॉपर्टी पर कब्जा मिल जाएगा।
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