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पीएम शादी शगुन योजना ऑनलाइन फॉर्म, अप्लाई, योग्यता – Shaadi Shagun Yojana

पीएम शादी शगुन योजना क्या है? Shaadi Shagun Yojana In Hindi – देश में अभी बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर पढ़ाई को विशेष महत्व नहीं दिया जाता है। खासतौर पर मुस्लिम वर्ग की लड़कियों को। Shaadi Shagun Yojana का मुख्य उद्देश्य मुस्लिम समाज की लड़कियों को उच्च स्तर की पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के प्रभाव स्वरूप अल्पसंख्यक वर्ग की लड़कियों की पढ़ाई स्तर में वृद्धि होगी। साथ ही मुस्लिम वर्ग के माता पिता को भी शादी के समय आर्थिक सहायता प्राप्त होगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि कक्षा 9 10 वीं कक्षा में पढ़ाई पूरी करने वाली मुस्लिम लड़कियों को पुरस्कार के तौर पर ₹10000 की धनराशि प्रदान की जाएगी। इससे पहले केवल ऐसी मुस्लिम वर्ग की लड़कियां जिन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी कर चुकी थी। उन्ही को 10000 रुपये की धनराशि प्रदान की जाती थी।   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही देश के गरीब मुस्लिम लड़कियों के लिए एक नई योजना का शुभारंभ करने जा रही है। इस योजना का नाम शादी शगुन योजना रखा गया है। इस योजना के अंतर्गत मुस्लिम परिवार की लड़कियां जिन्होंने अपन

एमपी बिजली बिल कैसे देखें – एमपी ग्रामीण बिजली बिल कैसे चेक करें MP Bijli Bill Check

  ऑनलाइन एमपी बिजली बिल कैसे चेक करें? How to Check MP Electricity Bill Online? How to Check MP Bijli Bill :  मध्‍यप्रदेश बिजली बिल कैसे देखें? दोस्‍तों मध्‍यप्रदेश मे ऑनलाइन बिजली बिल चेक करने करने के एक से बढ़ कर एक कई तरीके हैं। हम आपको इनमें से कुछ Best तरीकों के बारे मे जानकारी देने जा रहे हैं। ताकि आप सरलता से अपना MP Bijli Bill चेक कर सकें।  एमपी बिजली बिल चेक करने के लिये जरूरी दस्‍तावेज : Documents Required to Check MP Electricity Bill एमपी बिजली बिल ऑनलाइन चेक करने के लिये आपको कुछ जरूरी Documents की जरूरत पड़ सकती है। जिनकी जानकारी नीचे दी गयी है। बिजली अकाउंट नंबर अथवा अकाउंट आईडी तेज गति वाला इंटरनेट कनेक्‍शन इंटरनेट बैंकिंग अथवा यूपीआई आईडी एमपी बिजली बिल चेक करने के लिये अकाउंट नंबर कहां से मिलता है? where can I get an electricity account number? एमपी बिजली बिल अकाउंट आईडी कैसे पता करें? हम जब मध्‍यप्रदेश बिजली बिल चेक करने का ऑनलाइन प्रोसेस शुरू करते हैं तो पेटीएम, फोनपे जैसे यूपीआई प्‍लेटफार्म पर हमसें बिजली बिल अकाउंट नंबर अथवा अकाउंट आईडी Fill करने को बोला जाता है। य

10 वीं मार्कशीट में नाम और जन्मतिथि कैसे सुधार करवाएं? UP Board 10th Marksheet Correction Online

  बोर्ड परीक्षा को लेकर छात्रों के दिलों में धुकधुकी सामान्य सी बात है। बात 10वीं की बोर्ड परीक्षा की हो तो बात और अहम हो जाती है। यूपी बोर्ड यानी कि उत्तर प्रदेश माध्‍यमिक शिक्षा परिषद (प्रयागराज) पहले ही 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा के नतीजे घोषित कर चुका है। इनमें ढेरों ऐसे छात्र छात्राएं जिनके नंबर कम आये हैं, या फिर उनकी 10वीं की Board Marksheet में कुछ गड़बड़ी हो गई है। जिसके लिए  10th Marksheet Correction Online  करना चाहतें हैं। अपनी up board की 10वीं की Marksheet Correction के लिए आपको एक प्रार्थना पत्र लिखकर प्रधानाचार्य को देना होगा। वह आवश्यक दस्तावेजों के साथ इसे अग्रसारित कर जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से बोर्ड को प्रेषित करेंगे। वहां से नाम सुधार के पश्चात छात्र विद्यालय से ही सचिव के digital signature वाली प्रति हासिल कर सकते हैं। अंक पत्र की यह प्रति यू यूपी बोर्ड मार्कशीट करेक्‍शन के तरीके – मार्कशीट में किसी तरह का सुधार कराना जैसे नाम को ठीक कराना या फिर जन्म तिथि में सुधार कराना जैसे काम अब बहुत मुश्किल नहीं रह गए हैं। पहले का जमाना और था। पहले ऑनलाइन आवेदन

ई-बुक क्या है? eBook कैसे लिखे और बनाये? Information About eBook In Hindi

  eBook क्या होता है? What is an eBook? दोस्तों जैसे की नाम से ही पता चलता है। कि ये एक बुक होती है। लेकिन ये कैसी बुक होती है। eBook का पूरा नाम  electric book होता है। आप इसे pdf भी कह सकते है। इस तरह की book एक इलेक्ट्रोनिक book होती है , जिसे केवल आप मोबाइल या कंप्यूटर पर ही पढ़ सकते है। ई-बुक की कोई print कॉपी नहीं होती है। लेकिन यदि आप चाहे तो ऐसे प्रिंट भी कर सकते है।  जिस तरह बुक का कोई न कोई लेखक और owner होता है। उसी तरह ई-बुक का भी कोई लेखक और कोई न कोई owner होता है। ईबुक बिलकुल बुक की तरह ही होती है। यहां पर मैं आपको बता दूं कुछ लोग पीडीऍफ़ और ई-बुक में भ्रमित रहते है। वो समझते है कि ई-बुक और पीडीऍफ़ अलग अलग होती है। लेकिन ये सच नहीं है। पीडीऍफ़ और ई-बुक दोनों एक ही चीज़ होती है  computer और मोबाइल का use दिन पर दिन बढ़ रहा है। जिससे eBook की भी डिमांड बढ़ती जा रही है। इस्ससे आपको ये फायदा है कि आपको भरी भरकम किताब धोना नहीं पड़ता है। और न ही उनकी सुरक्षा ही करनी होती है। और आप जब चाहे जहा चाहे वहां पर eBook रीड कर सकते है। ई-बुक क्या है? eBook कैसे लिखे और बनाये? Information Abou

यूपी ऐज सर्टिफिकेट ऑनलाइन आवेदन कैसे करें? UP Age Certificate In Hindi

  आयु प्रमाण पत्र क्या होता है? What is an age certificate? यूपी ऐज सर्टिफिकेट के लिए ऑनलाइन आवेदन करने से पहले हमें यह जानना बेहद आवश्यक है। की आयु प्रमाण पत्र आखिर क्या होता है। यूपी ऐज सर्टिफिकेट एक ऐसा वैद्य सरकारी दस्तावेज है। जो की सीएमओ द्वारा जारी किया जाता है। Age Certificate (आयु प्रमाण पत्र) आपके उम्र को प्रमाणित करने वाला चिकित्सक द्वारा जारी प्रमाण पत्र होता है। या प्रमाण पत्र स्कूल द्वारा जारी किया गया सर्टिफिकेट से अधिक विश्वसनीय होता है। और इसे सभी सरकारी कार्यों में प्राथमिकता प्रदान की जाती है। इसलिए उन्हें समाज कल्याण द्वारा पेंशन आवेदन फॉर्म को रिजेक्ट कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में आपको यूपी ऐज सर्टिफिकेट की बेहद आवश्यकता पड़ती है। ऐसे ही कई अन्य सरकारी योजनाएं हैं। जिनका लाभ प्राप्त करने के लिए आप को अनिवार्य रूप से यूपी ऐज सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना पड़ता है। यूपी ऐज सर्टिफिकेट ना होने के कारण आपको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अक्सर देखा गया है कि सरकार द्वारा चलाई जाने वाली कई सरकारी योजनाओं में  यूपी ऐज सर्टिफिकेट  को अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना

यूपी एफआईआर स्टेटस ऑनलाइन चेक | UP FIR Status Check Online

  अपराध दो तरह के होते हैं असंज्ञेय अपराध और संज्ञेय अपराध। असंज्ञेय अपराध बेहद मामूली प्रकृति के हाते हैं जैसे कि मारपीट आदि।  ऐसे मामले में सीधे तौर पर एफआईआर नहीं होती। शिकायत मजिस्ट्रेट को रेफर की जाती है और वही इस मामले में आरोपी को समन जारी कर सकते हैं, इसके पश्चात ही कार्रवाई शुरू होती है। संज्ञेय अपराध गंभीर किस्म के अपराध होते हैं। मसलन गोली चलाना, हत्या, बलात्कार आदि। इनमें सीधे एफआईआर दर्ज की जाती है। सीआरपीसी की धारा 154 के तहत पुलिस को संज्ञेप अपराध के मामले में सीधे एफआईआर दर्ज करनी जरूरी की गई है। जीरो एफआईआर क्या है? What is zero FIR? यदि शिकायती के साथ किया गया अपराध उस थाने के न्याय क्षेत्र में न हुआ हो, जहां शिकायती शिकायत लेकर पहुंचा हो तो भी पुलिस को शिकायत के आधार पर केस दर्ज करना ही होगा। बाद में इस शिकायत को संबंधित थाने में स्थानांतरित कर दिया जाता है। इस तरह की सूचना प्राथमिकी को जीरो एफआईआर पुकारा जाता है। इस तरह की एफआईआर कई रेप केसेज में देखी गई है, जहां आरोपी किसी अन्य स्थान का रहने वाला था। ऐसे में न्याय क्षेत्र संबंधित न होने पर भी आरोपी के खिलाफ जीरो एफ